Thursday, October 26, 2006

गई भैंस गड्ढे में

ये थी ब्रेकिंग न्य़ूज एक समाचार चैनल पर पिछले दिनों। एक भैंस को १५ फ़ुट गहरे गड्ढे में गिरने का ये इनाम मिला। आज जब रिमोट से यूँ ही खेल रहा था तो देखा एक समाचार चैनल पर किसी गाँव में एक आदमी दलदल में फ़ँसा हुआ है। ये है भारत में इक्कीसवीं सदी के खबरिया चैनलों की तस्वीर। वैसे इन चैनलों पर खबरों के स्तर को लेकर काफ़ी लंबे समय से बवाल मचा हुआ है। लगभग रोज ही लोग बहस करते हुए मिल जाते हैं कि "भला ये भी कोई खबर है" या "खबरिया चैनलों का स्तर तो गिरता ही जा रहा है" वगैरह-वगैरह। पर मैं ऐसे तथाकथित बुद्धिजीवियों से पूछना चाहता हूँ कि जब मीडिया फ़ालतू की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खबरों के बजाय आम आदमी से जुङने की कोशिश कर रहा है तो इन्हें कोफ़्त क्यों होती है।

बहरहाल पेश है आगे आने वाले समय में खबरिया चैनलों पर प्रसारित की जाने वाली खबरों की बानगी -

शर्माजी का कुत्ता दो दिनों से बीमार है, हालत ज्यादा बिगङ्ने पर कल रात उसे मुंबई के ब्रीच कैन्डी अस्पताल ले जाया गया। काफ़ी समय वेंटीलेटर पर रखे जाने के बावजूद आज सुबह उसने दम तोङ दिया। कुत्ते की पार्थिव देह को वापस शर्माजी के पास लाया जा रहा है, जहाँ पूरे राजकीय सम्मान के साथ उसकी अन्त्येष्टि की जायेगी।

गोरेलालजी की गाय ने कल से दूध नहीं दिया है। क्षेत्रीय ग्राहकों में इस बात को लेकर असंतोष व्याप्त है। उन्होनें तुरंत जिला प्रशाषन से हस्तक्षेप कर स्थिति को बहाल करने के लिए ज्ञापन दिया है। क्षेत्रीय विधायक ने मामले को विधानसभा में उठाने का भी आश्वासन दिया है।

बैंक अधिकारी उपाध्यायजी गाङी पंचर होने के कारण ऑफ़िस नहीं जा सके। उनके ऑफ़िस ना पहुँचने के कारण बैंक आये लोगों को असुविधा का सामना करना पङा। आज बैंक में हुई मीटिंग में निर्णय लिया गया कि बैंक अधिकारी और कर्मचारी टायर-ट्यूब निर्माता कंपनी पर घटिया क्वालिटी का टायर बेचने के लिए मुकद्दमा दायर करेंगे। बैंक की मुख्य शाखा ने भी इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है।

आज दोपहर दो सांडों की लङाई के कारण सङक पर यातायात बीस मिनट तक बाधित रहा। जब इसकी शिकायत सिटी मजिस्ट्रेट से की गई तो उन्होंने सांडों के लङने के लिए शहर में अलग से अखाङा खोलने का आश्वासन सङक पर चलने वालों को दिया। जिला प्रशासन अब सांडों से अनुरोध करेगा कि वे सङक को अखाङा बनाने की बजाय अखाङे में ही जाकर जोर-आजमाइश करें। सांड-समाज के मुखिया ने इसे अपने विशेषाधिकारों का हनन बताते हुए आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

देश में पर्यावरण की स्थिति पर चिंता जताते हुए पर्यावरण मंत्री ने लोगों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में गमले खरीदकर उनमें पौधे रोपकर पर्यावरण को बचाने में मदद करें। साथ ही उन्होने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति कम से कम एक गमला खरीदकर उसमें पौधा लगाये। मंत्रीजी की इस अपील से देश भर के पर्यावरण प्रेमियों में हर्ष की लहर दौङ गयी है और उन्होने भी लोगों से इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने और पर्यावरण को बचाने की अपील की है।

शहर में बिजली की किल्लत के कारण अचानक मोमबत्तियों की बिक्री बढ़ गयी है। मोमबत्तियों का पर्याप्त स्टॉक ना होने के कारण आज लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम कर दिया। अधिकारियों के इस आश्वासन के बाद कि मोमबत्तियों की कमी मिट्टी के दियों से पूरी की जायेगी, चक्काजाम खुला।


आज रामनगर में क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन होने से शहर की सभी शिक्षण संस्थायें और कार्यालय बंद हैं और लोग टकटकी लगाये टी.वी. के सामने बैठे हुए हैं। अभी मैच में दस ओवर और फ़ेंके जाने बाकी हैं, हमारे संवाददाता खबरीलाल वहाँ मौज़ूद हैं। आईये आपको सीधे ले चलते हैं रामनगर जहाँ मौजूद हैं हमारे संवाददाता खबरीलाल-

"हाँ खबरीलाल यदि आप मुझे सुन पा रहे हैं तो बताईये इस समय मैच की क्या स्थिति है"
"जी पेंदीलाल सबसे पहले आप को बता दूँ कि यहाँ तांडवपुरा की टीम के बॉलरों ने अपनी धुँआधार बॉलिंग से विरोधी टीम के दो खिलाङियों के सर फ़ोङ दिये हैं जिससे मैच अभी रुका हुआ है"
"खबरीलाल ये बताईये कि जिन खिलाङियों के सिर फ़ोङे गये हैं क्या उनके मरहमपट्टी की जा रही है"
"जी पेंदीलाल यहाँ मरहमपट्टी जारी है और आशा है कि मैच जल्द ही शुरू होगा"
"खबरीलाल ये बतईये कि जिन खिलाङियों की पट्टी की जा रही है क्या वे कराह रहे हैं"
"जी हाँ पेंदीलाल वे कराह जरूर रहे हैं पर साथ ही वे लगान फ़िल्म के खिलाङियों की तरह दोहरा रहे हैं- 'बार-बार हाँ बोल यार हाँ अपनी जीत हाँ उनकी हार हाँ' "
"तो वहाँ लगान फ़िल्म का प्रभाव साफ़ देखा जा सकता है?"
"जी पेंदीलाल, साथ ही आपको बता दूँ कि आज सुबह से ही यहाँ बङी-बङी कंपनीज के सीईओ जमा हो रहे हैं कुछ ने तो लंच-टाइम में खिलाङियों से बात भी की"
"अच्छा खबरीलालजी आप वहाँ बने रहिए थोङी देर में हम फ़िर आपके पास पहुँचेंगे"
"जी पेंदीलाल शुक्रिया"

तो आप देख रहे थे कि आज हमारे देश में क्रिकेट किस स्तर तक पहुँच चुका है यहाँ अभी से कर्पोरेट-हाउसेस में खिलाङियों को अनुबंधित करने के लिए घमासान मचा हुआ है। हम आशा करते हैं कि ये खिलाङी भी एक दिन विज्ञापन जगत में आकर सचिन और धोनी की तरह करोङों कमायें और हमारे देश का नाम रोशन करें। अब बढ़ते हैं अगली खबर की तरफ़.......................!


तो आप बैठे-बैठे क्या सोच रहे हैं जल्दी से अपना पी.सी शट-डाउन कीजिए और अपने मोहल्ले और शहर की खबरों को भी टी.वी. पर देखने का जुगाङ बैठाईये और बिना कुछ किये मुफ़्त में सेलेब्रिटी बन जाईये।

7 comments:

Anonymous said...

aapne bahut hi achaa comment kiya hai aaj ke media,cricketers aur politician parr..mein chaahte hoon ki aap kuch kavitay aaj ke yuva pidhee par bhi jaroor likhiye..

Pratik Pandey said...

बहुत ख़ूब, अच्छा व्यंग्य किया है। हमारी भी मांग है कि कविता लिखी जाए :-)

अनुराग श्रीवास्तव said...

कहीं एक सांड़ हिन्दू और दूसरा मुसलमान निकल आता तो लड़ाई धार्मिक हिंसा का रूप ले लेती और यह खबर स्थानीय की जगह राष्ट्रीय बन जाती।

गिरिराज जोशी said...

वाह भूवनेशजी आपने किया खूब कमाल
तमाचा मार गाल पर खूब किया है लाल

ब्रेकिंग न्य़ूज ला रहे दनादन समाचार चैनल
खबरों के स्तर पे आप बिठा दिये हो पैनल

खूब लाये बानगी खबरें होगी कैसी कल
हँस-हँस के पेट में पड़ गए हमारे बल

दुःख हुआ अन्त्येष्टि में ना हो पाऊँगा शामिल
सलाम ऐसे जांबाज को कुत्ता था बड़ा काबिल

गोरेलालजी के ग्राहक हैं अरे हम भी तो हाय
दूध बिना ना हुई नसीब स्फुर्तिदायक चाय

आँखे मलते बैंक पहूँचे ना मिला वहाँ भी कोय
बताया आपने तो मालूम पड़ा गाड़ी पंचर होय

सांडो के लिए बनेगा अखाड़ा, यह तो अच्छी बात
धार्मिक दंगा कम भड़कादे बककर अपनी जात

पर्यावरण की स्थिति तो सचमुच है गंम्भीर
बिजली की किल्लत भी रही कलेजा चीर

देश को बरबाद करेगा लगता है यह क्रिकेट
जिसे देखो थाम के निकला हाथ अपने बेट

खबरीलाल और पैंदीलाल को खिलाओ मिठाई
लेख बहूत अच्छा लिखा स्वीकार करो बधाई!!!

Udan Tashtari said...

:) बढ़ियां समाचार हैं. बधाई.

अनूप शुक्ल said...

बहुत खूब. आखिरी खबर अपने आप में एक पोस्ट है और वही सबसे अच्छी भी लगी. बाकी भी चुटकियां बहुत अच्छी लगीं. बधाई.

Anonymous said...

इस समाचार पर आपकी टिप्पणी का अंदाज़ बहुत पसंद आया - बधाई